छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास और सामाजिक सशक्तिकरण की नई इबारत, 9.41 लाख से अधिक आवासों की स्वीकृति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों में आवास क्रांति का नया अध्याय लिखा जा रहा है। अब राज्य के दूरस्थ गांवों और वंचित समुदायों में कच्चे और अस्थायी घरों की जगह पक्के, सुरक्षित मकान खड़े नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अब तक 9,41,595 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जबकि केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए कुल 11.5 लाख ग्रामीण आवासों का लक्ष्य तय किया है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अतिरिक्त 3 लाख आवासों की स्वीकृति ने इस अभियान को और विस्तार दिया है।
‘मोर दुवार-साय सरकार’ अभियान बना ग्रामीण आशा की पहचान
‘मोर दुवार-साय सरकार’ के तहत छत्तीसगढ़ सरकार घर-घर जाकर पात्र परिवारों की पहचान कर उन्हें आवास देने का संकल्प पूरा कर रही है। मुख्यमंत्री ने जगदलपुर के घाटपदमपुर गांव से इस अभियान की शुरुआत की थी। पहले ही कैबिनेट बैठक में 18 लाख आवासों की मंजूरी देकर सरकार ने अपने प्राथमिकता को स्पष्ट कर दिया था।
जनजातीय और नक्सल पीड़ितों को भी मिल रहा लाभ
सरकार द्वारा बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, अबूझमाड़िया और बिरहोर जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्के मकान दिए जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए 15,000 विशेष आवास स्वीकृत किए गए हैं। पीएम जनमन योजना में अब तक 42,326 आवासों के लक्ष्य में से 27,778 स्वीकृत और 6,482 पूर्ण हो चुके हैं।
तीन चरणों में चला महाअभियान
‘मोर दुवार-साय सरकार’ को तीन चरणों में चलाकर हर पात्र परिवार तक पहुंचने का प्रयास किया गया। इसमें घर-घर सर्वेक्षण, ग्रामसभा में सूची का पठन, और स्थानीय प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की गई। पारदर्शिता के लिए गृह पोर्टल का उपयोग किया गया।
यह महाअभियान केवल पक्के मकान ही नहीं, बल्कि रोजगार, उद्योग और सामाजिक स्थायित्व का प्रतीक बन चुका है। छत्तीसगढ़ की यह पहल सामाजिक न्याय, आर्थिक प्रगति और समावेशी विकास की मिसाल बन रही है।